मुहावरे किसी भी भाषा का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं | भाषा में मुहावरों की एक खास जगह होती है | मुहावरे संक्षिप्त और संजीवित अभिव्यक्ति होती है | इनके माध्यम से बात को और अधिक प्रभावशाली और रोचक बनाया जा सकता है | इस पोस्ट में हम हिन्दी मुहावरे hindi muhavare की परिभाषा, उनकी विशेषताएं और उनके वर्गीकरण के बारे में जानेंगे |

मुहावरे की परिभाषा
किसी भाषा विशेष में प्रचलित उस अभिव्यक्ति की इकाई को मुहावरा कहते हैं जिनका प्रयोग प्रत्यक्ष के अर्थ से अलग रूढ़ी के अर्थ के लिए किया जाता है |
एक अन्य परिभाषा के अनुसार
किसी भाषा के ऐसे रूढ़ वाक्य या शब्दों के समूह को मुहावरा कहते है जो कि जैसा दिखाई दे रहा है उससे भिन्न कोई अर्थ बता रहा हो |
मुहावरों की विशेषताएं : Hindi Muhavare ki visheshtayen
मुहावरों की कुछ विशेषताएं होती हैं जो निम्न प्रकार की हैं
- मुहावरा एक ऐसी अभिव्यक्ति होती है जिसमे एक क्रिया का भाव अवश्य होता है |
- मुहावरा किसी विशेष भाषा का ही होता है ऐसा नहीं है कि वही मुहावरा अन्य भाषा में भी हो |
- मुहावरे के शब्दों को प्रायः बदला नहीं जा सकता | जैसे जमीं आसमान एक कर देना के स्थान पर पृथ्वी गगन एक कर देना नहीं लिख सकते |
- प्रयोग के बाद मुहावरे उस वाक्य का अभिन्न अंग बन जाते हैं और उनको अलग नहीं किया जा सकता |
- मुहावरे का अनुवाद दूसरी भाषा में ठीक से नहीं किया जा सकता |
मुहावरों का वर्गीकरण : Hindi Muhavare ka Vargikaran
मुहावरों का वर्गीकरण कई आधारों पर किया जा सकता है –
- विषय के आधार पर – जैसे सामाजिक विषय, स्वास्थ्य सम्बन्धी विषय आदि
- स्रोत के आधार पर – जैसे संस्कृत से आये मुहावरे या फारसी से आये मुहावरे
- प्रयोग करने वाले के आधार पर – जैसे महिलाओं द्वारा प्रयोग किये जाने वाले या खिलाडियों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले
- घटनाओं के आधार पर – जैसे एतिहासिक घटनाओं के आधार पर
इसी प्रकार और भी कई आधार हो सकते हैं |
मुहावरों का जन्म : Hindi Muhavaron ka Janm
मुहावरा मुख्यतः अरबी और फारसी का शब्द है | मुहावरा आखिर जन्म कैसे लेता है आइये इस बारे में थोडा जानने का प्रयास करते हैं | इसके निम्न कर्ण हो सकते हैं जैसे –
- प्रतीकों के आधार पर – कभी कभी कुछ शब्दों को प्रतिक मानकर मुहावरे बन जाते हैं |
- विशेष मुद्रा के वर्णन के आधार पर – कभी कभी किसी विशेष मुद्रा के आधार पर भी मुहावरे उत्पन्न हो जाते हैं |
- साद्रश के आधार पर – कभी कभी साद्रश के आधार पर भी मुहावरों का जन्म होता है | जैसे – केंची सी जबान चलना
- भौतिक स्तिथि के वर्णन के आधार पर – कभी कभी भौतिक स्तिथि के वर्णन के आधार पर भी मुहावरों का जन्म होता है | जैसे – पेट में चूहे कूदना
- असंभव स्तिथि के आधार पर – कभी कभी असंभव स्तिथि के आधार पर भी मुहावरों का जन्म होता है | जैसे – आसमान से तारे तोडना
- एतिहासिक घटनाओं के आधार पर – कभी कभी एतिहासिक घटनाओं के आधार पर भी मुहावरों का जन्म होता है |
हिन्दी भाषा में सूरदास, कबीरदास, मीरा और जायसी आदि कवियों ने मुहावरों का काफी प्रयोग किया है | लेकिन सबसे ज्यादा तुलसीदास ने इनका प्रयोग अपनी रचनाओं में किया है |

इसी प्रकार यदि हम आधुनिक लेखकों की बात करें तो उनमे प्रेमचंद ऐसे लेखक हैं जिन्होंने सबसे अधिक मुहावरों का प्रयोग अपनी रचनाओं में किया है | इसलिए उनको मुहावरों का सम्राट कहा जा सकता है | उन्होंने मुहावरों का इतना अच्छा प्रयोग किया है कि शायद ही किसी ने किया हो |
मुहावरों का उद्देश्य : muhavaron ka uddeshya
इनका उद्देश्य भाषा को सरल, प्रभावशाली और आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है |
मुहावरों को english में क्या कहते हैं
मुहावरे को english में idiom कहा जाता है |
निष्कर्ष : Conclusion
हिन्दी मुहावरे न केवल भाषा की सुन्दरता को बढ़ाते हैं बल्कि उनकी उपयोगिता भी अनमोल है | चाहे वह लिखना हो या बोलना चालना इन मुहावरों का सही प्रयोग बोल चाल की प्रतिभा को कई गुना बढ़ा देता है | इस प्रकार हमने जाना कि hindi muhavare क्या होते हैं ? इनका जन्म कैसे होता है और इनकी विशेषताएं क्या होती हैं |